अस्मिता
क्या कहूँ कि कैसी है वो…!
बहुत ही प्यारी निराली है वो..!!
मासूम सा चेहरा लगता उसका…!
सादगी उसकी पहचान!!
आंखों में ढेर सपने उसके और उन सपनों को रानी है वो…!
घर आँगन को चहकाती,फूलों जैसे महकती है वो।
अपनी अदाओं से लुभाती सबको…!
मौसाजी की दिल की धड़कन,
बच्चों कि सहेली है वो।
हर बात में उसकी एक अदा झलकती …!!
हर अंदाज़ से अपने वो दिल चुराती….
अपने हाथों से अपने संसार सॅवारती,
सबके मन को भाती…
जैसे कोई प्यारी परी है वो।
अस्मिता शब्द की पहचान है वो
हर नारी की अभिमान है वो।
क्या कहूँ कि कैसी है वो…!
बहुत ही प्यारी निराली है वो..!!
I am taking my blog to the next level with Blogchatter’s #myfriendalexa
Vartika Mehrotra Gakhar
Such a beautiful poem, Pallavi
hellopallavi13
Thanks vartika
Rashi Roy
So beautifully written.
hellopallavi13
Thanku so much