रक्षाबंधन से जुड़ी पौराणिक कथाएँ
रक्षाबंधन पूरे विश्व में हिंदुओं द्वारा मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जो श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है । यह त्योहार भाई और बहनों के बीच प्यार, देखभाल और स्नेह के सुंदर संबंधों को दर्शाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई के चारों तरफ एक धागे को सुरक्षा के प्रतीक के रूप में बांधती है, और वह उसकी रक्षा और ख्याल रखने का वादा करता है। नेपाल में रक्षाबंधन को जनाई पूर्णिमा कहा जाता है. सभी भारतीय त्यौहारों की तरह, राखी के त्योहार से भी कई कहानियां जुडी हैं।
– रक्षाबंधन से जुडी कहानियाँ सर्वप्रथम लक्ष्मी जी ने राजा बलि को बांधी थी राखी
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जब भगवान विष्णु को काफी समय पाताल में बीत गया, तो उधर बैकुंठ में विष्णु के बिना देवी लक्ष्मी चिंतित होने लगी। तभी वहां से गुजर रहे नारद जी को रोकते हुये लक्ष्मी जी ने कहा कि नारद तुम तो तीनों लोक में भ्रमण करते हो। बताओ नारायण को कहीं देखा है। तब नारद बोले पाताल लोक में राजा बलि के पहरेदार बने हुये है। लक्ष्मी ने कहा नारद जी मुझे कोई रास्ता बताओ। जिस पर नारद ने रास्ता बताया। जिसके अनुसार लक्ष्मी जी सुंदर स्त्री का भेष रखकर रोती हुयी पहुंची तो राजा बलि ने पूछा, क्यो रो रही हो। तो लक्ष्मी जी ने कहा मेरा कोई भाई नहीं है। जिस पर बलि ने कहा तो तुम मेरी धर्म की बहिन बन जाओ और कलावा बंधवाकर रक्षा करने का वचन दिया। जब बलि ने कुछ मांगने को कहा तो लक्ष्मी जी ने त्रिवाचा कराते हुये कहा कि मुझे आपका ये पहरेदार चाहिये। और लक्ष्मी जी भगवान विष्णु के साथ बैकुंठ चली गयी। तब से रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाने लगा। कृष्ण और द्रौपदी
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महाभारत की एक कथा के अनुसार भगवान कृष्ण ने शिशुपाल का वध करने के लिए जब सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल किया तब उनकी तर्जनी ऊँगली में चोट लग गई . तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी के एक हिस्से को फाड़ दिया और इसे कृष्णा की उंगली के चारों ओर बांध दिया जिससे रक्तस्राव रुक गया । इसके बदले, कृष्ण ने संकट के समय द्रौपदी को बचाने का वादा किया।
यम और यमुना
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एक अन्य कथा के अनुसार, मृत्यु के देवता यम ने अपनी बहन यमुना को 12 साल से नहीं देखा था। यमुना दुखी थी और उन्होने गंगा से परामर्श किया. गंगा ने यम को उनकी बहन यमुना का याद दिलाया, जिसके बाद यम अपनी बहन से मिलने गए. यमुना अपने भाई को देखकर बहुत खुश हुई, और यम के लिए उपहार के रूप में भोजन तैयार किया। भगवान यम प्रसन्न हुए और यमुना से पूछा कि उन्हें क्या उपहार चाहिए । यमुना ने कहा कि वह, उनसे मिलने फिर दुबारा आये. । यह कहानी भारत के कुछ हिस्सों में भाई दूज नामक एक त्योहार का आधार है.
अलेक्जेंडर की पत्नी रोक्साना और किंग पोरस
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एक कहानी अनुसार, जब सिकंदर महान ने 326 ईसा पूर्व में भारत पर आक्रमण किया, तब उनकी पत्नी रोक्साना ने पोरस को एक पवित्र धागा भेजा,और उससे कहा कि लड़ाई में वे उनके पति को नुकसान नहीं पहुचाये. परंपरा के अनुसार, कैकेय साम्राज्य के राजा पोरस ने राखी के प्रति पूर्ण सम्मान दिया । हाइडस्पेश की लड़ाई में, जब पोरस ने अपनी कलाई पर राखी को देखा तब ऊसने खुद को सिकंदर पर हमला करने से रोक दिया। रानी कर्णावती और सम्राट हुमायूं
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,सत्र 1535 में जब चित्तौड़ के रानी कर्णावती को एहसास हुआ कि वह गुजरात के सुल्तान, बहादुर शाह के आक्रमण से अपने राज्य का बचाव नहीं कर सकती तब उसने सम्राट हुमायूं को एक राखी भेजी. कहानी के अनुसार, हुमायूं चित्तौड़ की रक्षा के लिए अपने सैनिकों के साथ रवाना हो गए आर सुल्तान बहादुर शाह के साथ युद्ध करके उनके राज्य की रक्षा की
यह कुछ चुनिन्दा कहानियाँ है जो भाई बहन से जुड़े इस अटूट त्यौहार से जुडी है।यह भाई बहन का अटूट प्रेम है जो युगों युगों से चलता आ रहा है।रक्षाबंधन के इस पावन अवसर पर मेरे ओर से सभीको हार्दिक शुभकामनाएं।